गोरखपुर
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय सत्र 2023-24 की लंबित पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इस सत्र में विश्वविद्यालय पीएचडी की करीब 1000 सीटों के लिए शोधार्थियों का चयन करेगा।
इनमें 800 नियमित सीटें और 200 के करीब पार्ट टाइम पीएचडी सीटें शामिल हैं। नियमित सीटों पर प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित की जाएगी जबकि अंशकालिक पीएचडी में प्रवेश निर्धारित मानक पर सीधे लिया जाएगा। विश्वविद्यालय इसके लिए अपनी तैयारी पूरी कर ली है। अगले सप्ताह आवेदन आमंत्रित करने की तैयारी है।
सीटों के निर्धारण के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी विभागों से रिक्त सीटों की संख्या मंगा ली है। इस आधार पर ही करीब 1000 रिक्त सीटों का निर्धारण हुआ है, जिन पर प्रवेश लिया जाना है। प्रवेश प्रक्रिया नए पीएचडी अध्यादेश के आधार पर सम्पन्न होगी, जिसे बीते महीने ही कुलाधिपति की स्वीकृति प्राप्त हुई है।
पहली पर विश्वविद्यालय कालेज के स्नातक शिक्षकों को शोध निर्देशक बनने का अवसर देने जा रहा है। कालेजों के जिन शिक्षकों को शोध-निर्देशक बनाया जाना है, उनकी सूची तैयार कर ली गई है। ऐसे शोधार्थी, जिनके शोध-निर्देश कालेज शिक्षक होंगे, वह भी विश्वविद्यालय के ही छात्र होंगे।
उन्हें शोध-निर्देशक की वजह से कालेजों का शोधार्थी नहीं माना जाएगा। यह व्यवस्था कालेज में शोध का इंतजाम न होने की वजह से की जा रही है। इस बार संविदा शिक्षकों को भी सह-निर्देशक बनाया जाएगा। इस बार प्रवेश से लेकर पीएचडी प्रस्तुत करने तक की पूरी प्रक्रिया आनलाइन रहेगी।
शोध में प्रवेश के लिए ये होंगे मानक
– चार साल का स्नातक करने वाले छात्र बिना परास्नातक कर सकेंगे आवेदन।
– जेआरएफ व नेट उत्तीर्ण छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया में मिलेगा वेटेज।
– विदेशी विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा से छूट रहेगी। उनका प्रवेश अतिरिक्त सीट पर होगा।
– महिला और दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष प्रावधान रहेगा।
अगले सत्र से यूजीसी अध्यादेश पर होगा पीएचडी में प्रवेश
यूजीसी ने बीते महीने पीएचडी का नया अध्यादेश जारी किया और उसे 2024-25 से लागू करने का विकल्प दिया था। ऐसे में इस वर्ष भले ही विश्वविद्यालय के नए पीएचडी अध्यादेश के मानक पर पीएचडी में प्रवेश प्रक्रिया पूरी की जाएगी, अगले वर्ष उसे यूजीसी के मानक पर ही प्रवेश लेना होगा।
इसके अनुसार विश्वविद्यालय के प्रवेश मानक पर इस बार हो रहा पीएचडी प्रवेश अंतिम होगा। हालांकि यूजीसी के शोध अध्यादेश को विश्वविद्यालय कार्य परिषद की स्वीकृति के बाद ही लागू करेगा।
दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय अगले सप्ताह पीएचडी में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। करीब 1000 सीटों के सापेक्ष पीएचडी में प्रवेश लिए जाने हैं। इनमें नियमित व अशंकालिक दोनों तरह के शोधार्थी शामिल होंगे। कालेजो के शिक्षकों को शोध-निर्देशक बनाने से इस बार पीएचडी प्रवेश का दायरा बढ़ेगा। प्रवेश प्रक्रिया पूरी तरह से नए शोध अध्यादेश के मानक पर संपन्न की जाएगी।