महराजगंज पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह को समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। यह कार्रवाई पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आइएनडीआइए गठबंधन के प्रत्याशी के विरुद्ध अमर्यादित टिप्पणी करने के आरोप में की गई है। यह जानकारी सपा के जिलाध्यक्ष विद्यासागर यादव ने दी है।
उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व निचलौल में आयोजित अपने संगठन के एक कार्यक्रम में पूर्व सांसद ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व आइएनडीआइए गठबंधन से महराजगंज लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी के विरुद्ध बयानबाजी की।
इस बयानबाजी को पूर्व सांसद ने अपने इंटरनेट मीडिया अकांउट पर भी डाला है। यह कृत्य पार्टी अनुशासन के विरुद्ध है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि पार्टी नेतृत्व के विरुद्ध बयानबाजी के चलते कुंवर अखिलेश सिंह को तत्काल प्रभाव से समाजवादी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। कुंवर अखिलेश सिंह 1991 व 1993 में नौतनवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। 1999 के चुनाव में वह सपा के टिकट पर सांसद बने थे।
सपा का प्रारंभिक सदस्य नहीं, निष्कासन की बात हास्यास्पद: पूर्व सांसद
पूर्व सांसद कुंवर अखिलेश सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का वादा किया था। 2023 के लोकसभा व विधानसभा के बजट सत्र व मानसून सत्र में भी सपा ने इस मुद्दों को नहीं उठाया, तो मैंने नौ अगस्त को क्रांति दिवस के दिन पूर्वांचल किसान यूनियन का गठन किया, जिसमें मुझे अध्यक्ष चुना गया।
विद्यासागर यादव जब से जिलाध्यक्ष मनोनीत हुए हैं, तब से आज तक मैंने सपा के किसी कार्यक्रम में भाग नहीं लिया और न ही सपा का प्रारंभिक सदस्य बना हूं। उन्होंने कहा कि यदि मैं पार्टी का सदस्य हूं तो उन्हें रसीद की प्रति को सार्वजनिक करना चाहिए।
जिलाध्यक्ष को पता ही नहीं है कि कौन सपा का सदस्य है और कौन नहीं है। ऐसे में निष्कासन की बात हास्यास्पद है। मैं किसी पर अमर्यादित टिप्पणी नहीं करता हूं। सदैव सत्य बोलता हूं। मुझे सपा पर दया आ रही है कि इतना विलंब से क्यों निर्णय ले रही है